One Fruit multiple benefits Part: 4 (Myrobalan) ,
आंवला सालों भर मिलने वाला फल है. हिन्दु धर्म में आंवला के वृक्ष को देवताओं के समान पूजा जाता है. इसका वृक्ष जहां भी होता है वहां के आस-पास का वातावरण शुद्ध रहता है. आंवला हरे रंग का होता है. इसके अंदर एक बीज होता है. इसे खाने के बाद पानी पिएं तो पानी का स्वाद मीठा लगता है. भारत के अलावा भी आंवाला कई देशों में पाया जाता है.
आंवला में पाये जाने वाले तत्व आंवले को गूजबेरी के नाम से भी जाना जाता हैं. आंवले का एक मुख्य गुण यह है कि आंवले को पकाने के बाद भी इसमें मौजूद विटामिन सी खत्म नहीं होता. आंवले में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, मिनरल्स और विटामिन बी एवं सी प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं. कैल्शियम एवं फास्फोरस का भी यह अच्छा स्रोत होता है. आंवले में कैरोटिन नामक प्रोटीन भी होता है जो बालों के लिए बहुत गुणकारी माना जाता है.
आंवला से बनने वाली चीजें भारतीय रसोई में आंवले का भरपूर उपयोग किया जाता रहा है. स्वाद मे कसैला और खट्टापन लिए ये आंवला कई तरह से खाने योग्य बनाया जाता है जैसे आंवले की चटनी, आंवले का मुरब्बा, सब्जी, अचार, आंवले का जूस, शर्बत भी बनाकर आप इसके गुणकारी तत्वों का लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
आंवले का औषधि रुप में उपयोग आंवला एक महत्वपूर्ण औषधि के रुप में भी जाना जाता है. आंवला का इस्तेमाल भारतीय आयुर्वेद और यूनानी पद्धति की प्रसिद्ध दवाइयों में होता रहा है. च्यवनप्राश, ब्राह्मी रसायन, धात्री रसायन, त्रिफला चूर्ण एवं रसायन, आमलकी रसायन भी आंवले से तैयार किया जाता है. आंवले से केश तेल भी बनता है.
बालों के लिए आंवला बालों में कैरोटिन नामक प्रोटीन पाया जाता है. स्वास्थ्य एवं सुन्दर बालों के लिए कैरोटिन आवश्यक तत्व है जो आंवले में पाया जाता है. बालों को पोषण देने के लिए आप आंवले का तेल लगा सकते हैं. सूखे हुए आंवले को मेंहदी के साथ फूलाकर बालों में लगाने से बाल काले, घने एवं मुलायम हो जाते हैं.
स्वास्थ्य के लिए आंवला आंवले को धात्री फल भी कहा जाता है. धात्री का अर्थ होता है पालन करने वाला. इसमें मौजूद गुणकारी तत्वों के कारण ही इसे यह नाम दिया गया है. इसके नियमित सेवन से शरीर में रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है. इससे पाचन तंत्र दुरूस्त रहता है. सर्दी, जुकाम, खांसी जल्दी प्रभावित नहीं कर पाती है. त्वचा सम्बन्धी रोग में भी आंवले का सेवन लाभदायी होता है. लम्बे समय तक जवां दिखने की चाहत है तो प्रतिदिन किसी न किसी रूप में आवंला खाना चाहिए.
Amala-Myrobalan |
आंवला में पाये जाने वाले तत्व आंवले को गूजबेरी के नाम से भी जाना जाता हैं. आंवले का एक मुख्य गुण यह है कि आंवले को पकाने के बाद भी इसमें मौजूद विटामिन सी खत्म नहीं होता. आंवले में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, मिनरल्स और विटामिन बी एवं सी प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं. कैल्शियम एवं फास्फोरस का भी यह अच्छा स्रोत होता है. आंवले में कैरोटिन नामक प्रोटीन भी होता है जो बालों के लिए बहुत गुणकारी माना जाता है.
आंवला से बनने वाली चीजें भारतीय रसोई में आंवले का भरपूर उपयोग किया जाता रहा है. स्वाद मे कसैला और खट्टापन लिए ये आंवला कई तरह से खाने योग्य बनाया जाता है जैसे आंवले की चटनी, आंवले का मुरब्बा, सब्जी, अचार, आंवले का जूस, शर्बत भी बनाकर आप इसके गुणकारी तत्वों का लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
आंवले का औषधि रुप में उपयोग आंवला एक महत्वपूर्ण औषधि के रुप में भी जाना जाता है. आंवला का इस्तेमाल भारतीय आयुर्वेद और यूनानी पद्धति की प्रसिद्ध दवाइयों में होता रहा है. च्यवनप्राश, ब्राह्मी रसायन, धात्री रसायन, त्रिफला चूर्ण एवं रसायन, आमलकी रसायन भी आंवले से तैयार किया जाता है. आंवले से केश तेल भी बनता है.
बालों के लिए आंवला बालों में कैरोटिन नामक प्रोटीन पाया जाता है. स्वास्थ्य एवं सुन्दर बालों के लिए कैरोटिन आवश्यक तत्व है जो आंवले में पाया जाता है. बालों को पोषण देने के लिए आप आंवले का तेल लगा सकते हैं. सूखे हुए आंवले को मेंहदी के साथ फूलाकर बालों में लगाने से बाल काले, घने एवं मुलायम हो जाते हैं.
स्वास्थ्य के लिए आंवला आंवले को धात्री फल भी कहा जाता है. धात्री का अर्थ होता है पालन करने वाला. इसमें मौजूद गुणकारी तत्वों के कारण ही इसे यह नाम दिया गया है. इसके नियमित सेवन से शरीर में रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है. इससे पाचन तंत्र दुरूस्त रहता है. सर्दी, जुकाम, खांसी जल्दी प्रभावित नहीं कर पाती है. त्वचा सम्बन्धी रोग में भी आंवले का सेवन लाभदायी होता है. लम्बे समय तक जवां दिखने की चाहत है तो प्रतिदिन किसी न किसी रूप में आवंला खाना चाहिए.
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