One drug Multiple benefits
औषधि एक फायदे अनेक भाग: 1
गुण
अजवायन के बहुत से गुण हैं। इसे अपने साथ यात्रा में भी रखा जा सकता है। इसका प्रयोग रोगों के अनुसार कई प्रकार से होता है।
यह मसाला, चूर्ण, काढ़ा, क्वाथ और अर्क के रूप में भी काम में लायी जाती है।
इसका चूर्ण बनाकर व आठवाँ हिस्सा सेंधा नमक मिलाकर 2 ग्राम की मात्रा में जल के साथ सेवन किया जाये तो पेट में दर्द, मन्दाग्नि, अपच, अफरा, अजीर्ण तथा दस्त में लाभकारी होती है। इसका सेवन दिन में तीन बार करना चाहिए।
अजवायन (Thyme) एक झाड़ीनुमा वनस्पति है जो मसाला एवं औषधि के रूप में प्रयुक्त होती है।
अजवायन का मिश्रण-
औषधि एक फायदे अनेक भाग: 1
गुण
अजवायन के बहुत से गुण हैं। इसे अपने साथ यात्रा में भी रखा जा सकता है। इसका प्रयोग रोगों के अनुसार कई प्रकार से होता है।
यह मसाला, चूर्ण, काढ़ा, क्वाथ और अर्क के रूप में भी काम में लायी जाती है।
इसका चूर्ण बनाकर व आठवाँ हिस्सा सेंधा नमक मिलाकर 2 ग्राम की मात्रा में जल के साथ सेवन किया जाये तो पेट में दर्द, मन्दाग्नि, अपच, अफरा, अजीर्ण तथा दस्त में लाभकारी होती है। इसका सेवन दिन में तीन बार करना चाहिए।
अजवायन (Thyme) एक झाड़ीनुमा वनस्पति है जो मसाला एवं औषधि के रूप में प्रयुक्त होती है।
- अजवायन को रात में चबाकर गरम पानी पीने से सवेरे पेट साफ हो जाता है।
- अजवायन का चूर्ण बच्चों को 2 से 4 रत्ती और बड़ों को दो ग्राम, गुड़ में मिलाकर दिन में तीन-चार बार दिया जाये तो पेट के कीड़े बाहर निकल जाते हैं।
- रात को पेशाब आने पर भी इसके सेवन से लाभ होता है।
- अजवायन के फूल को शक्कर के साथ तीन- चार बार पानी से लेने से पित्ती की बीमारी ठीक होती है।
- अजवायन को सेंक कर चूर्ण बनाकर शरीर की गर्मी कम होने या पसीना आने पर पैर के तलवों और शरीर पर मालिश करने से उष्णता आती है।
- हैजे या सन्निपात में शरीर की मालिश करने से उष्णता आती है।
- अजवायन के 4 रत्ती फूल, 4 रत्ती गिलोय सत्व के साथ मिलाकर चर्म रोगों में ऊँगलियों के काम न करने पर, वायु के दर्द, रक्तचाप और ब्लडप्रेशर में लाभप्रद सिद्ध होता है।
- अजवायन के फूल को शहद में मिलाकर ले तो कफ आना रुकता है।
- खाँसी या कफ की दुर्गन्ध खत्म होती है। इसका एक छटॉक अर्क पुरानी खॉसी, बड़ी खॉसी तथा कफ में लाभकारी होता है।
- इसका अर्क या तेल 10-15 बूँद बराबर लेते रहने से दस्त बंद होते हैं।
- इसका चूर्ण दो-दो ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार लेने से ठंड का बुखार शान्त होता है।
- 100 तोले पानी में अजवायन के फूल का चूर्ण मिलाकर उस घोल से धोने पर घाव, दाद, खुजली, फुंसियाँ आदि चर्मरोग नष्ट होते हैं।
- अजवायन वायु को नष्ट करने और बल को बढ़ाने में सहायक है।
- इसके तेल की मालिश से शरीर दर्द रहीत होता है।
- इसका चूर्ण गरम पानी के साथ लेने से या अर्क को गुनगुना करके पीने से इसका प्रकोप शान्त होता है।
- इसका प्रयोग प्रसव के बाद अग्नि की प्रदिप्त करने और भोजन को पचाने, वायु एवं गर्भाशय को शुद्ध करने के निमित्त किया जाता है।
- इसका प्रयोग करपे समय चूर्ण 2 से 4 ग्राम, तेल हो तो 4 ग्राम बूंद, फूल हो तो 1 रत्ती और अर्क हो तो 50 ग्राम तक मात्रा रखनी चाहिये।
अजवायन का मिश्रण-
- अजवायन एक तोला, छोटी हरड़ का चूर्ण आधा तोला, सेंधा नमक पाव तोला, हींग पाव तोला का चूर्ण बनाकर रखें और 3-3 ग्राम की मात्रा में जल के साथ लें तो पेट दर्द, जलन, अफरा, और मलमूत्र की रूकावट दूर होती है।
- अजवाय, सोंठ, काली मिर्च तथा छोटी इलायची का समान मात्रा में चूर्ण बनाकर सुबह शाम तीन-चार बार लेने से पाचन प्रिया ठीक होती है और पेट का दर्द भी ठीक होता है।
- नई अजवायन का एक छटॉक, नीबूं का रस एक छटॉक, पाँचो नमक 2 तोला, इन्हें मिलाकर किसी बरतन में रखकर कपड़े से उसका मुख बन्द कर दें और दिन में धूप में सेंके। सूखने पर उसे 2 से 4 ग्राम लेने से पेट के सभी रोग नष्ट होते हैं।
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