कुछ बातें अनकही थी
कह दी तेरी आंखो ने
कुछ रिश्ते अनबने थे
बन गए तेरी बातों से
कुछ रातें अधजगी थी
सो गई तेरे ख्वाबों मे
मेरे सपने बिखरे थे
बुन गए तेरे धागों मे
मेरे कदम रूके हुए थे
चल दिए तेरी मंजिल को
जिन्दगी उलझी हुई थी
सुलझ गई तेरी बाहों मे ।
दिल में रहे किसी के
हर दिल में कैद है इक दरिया मुहब्बतों का बांधे न बांध जिसको सागर की हो तमन्ना !
कदमों में कैद राहें मंजिल का पता पूछें थक कर नहीं थमे गर साहिल की हो तमन्ना !
हर दिल बना है भिक्षु हर दिल तलाशता है सब कुछ लुटा दे जिसको उल्फत की हो तमन्ना !
हाथों को यूँ उठाये तकता है आसमां को खुद पर यकीन कर जो जन्नत की हो तमन्ना !
तकदीर के भरोसे तदबीर से है गाफिल दिल में रहे किसी के गर रब की हो तमन्ना !
Post By : Anil
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कह दी तेरी आंखो ने
कुछ रिश्ते अनबने थे
बन गए तेरी बातों से
कुछ रातें अधजगी थी
सो गई तेरे ख्वाबों मे
मेरे सपने बिखरे थे
बुन गए तेरे धागों मे
मेरे कदम रूके हुए थे
चल दिए तेरी मंजिल को
जिन्दगी उलझी हुई थी
सुलझ गई तेरी बाहों मे ।
दिल में रहे किसी के
हर दिल में कैद है इक दरिया मुहब्बतों का बांधे न बांध जिसको सागर की हो तमन्ना !
कदमों में कैद राहें मंजिल का पता पूछें थक कर नहीं थमे गर साहिल की हो तमन्ना !
हर दिल बना है भिक्षु हर दिल तलाशता है सब कुछ लुटा दे जिसको उल्फत की हो तमन्ना !
हाथों को यूँ उठाये तकता है आसमां को खुद पर यकीन कर जो जन्नत की हो तमन्ना !
तकदीर के भरोसे तदबीर से है गाफिल दिल में रहे किसी के गर रब की हो तमन्ना !
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