Star Masti Group

Please Visit Our Web Site
.
GURUTVA JYOTISH
A Part of  GURUTVA KARYALAY
Monthly Astrology Magazines
.
You Can Read In Monthly Rashi Phal, Panchang, Festivle Deatail, Auspicious Yog, Astrology, Numerology, Vastu, Mantra, Yantra, Tantra, Easy Remedy Etc, Related Article,
Non Profitable Publication  by Public Intrest Call us : 91+9338213418, 91+9238328785
Ad By : SWASTIK SOFTECH INDIA
GURUTVA JYOTISH
Monthly Astrology Magazines
New
New
New
A Part of  GURUTVA KARYALAY
Non Profitable Publication by Public Intrest
Call: 91+9338213418, 91+9238328785

Sunday, May 8, 2011

गर्मियों की शाम सुंदर

छू रही गालों को शीतल ग्रीष्म की महकी पवन
छा गए अम्बर पे देखो झूमते से श्याम घन ।

दिवस की अंतिम किरण भी दूर सोने जा रही
सुरमई संध्या सुहानी कोई कोकिल गा रही
कुछ पलों पहले हरे थे वृक्ष काले अब लगें

बादलों के झुण्ड जाने क्या कथा खुद से कहें ।
छू रही बालों को आके कर रही अठखेलियाँ
जाने किसको छू के आयी लिये नव रंगरेलियाँ ।
चैन देता है परस और प्यास अंतर में जगाता

दूर बैठा एक चितेरा कूंची नभ पर है चलाता ।
झूमते पादप हंसें कलियाँ हवा के संग तन

नाचते पीपल के पत्ते खिलखिला गुड़हल मगन ।
गर्मियों की शाम सुंदर प्रीत के सुर से सजी

घास कोमल हरी मानो रेशमी चादर बिछी ।
है अँधेरा छा गया अब रात की आहट सुनो

दूर हो दिन की थकन अब नींद में सपने बुनो ।

Post by: ANIL

Click to join starmasti
Subscribe to starmasti


Click to join starmasti

No comments:

Post a Comment

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...