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Sunday, March 27, 2011

फल एक फायदे अनेक भाग:3 (केला-Banana)

One Fruit multiple benefits Part: 3 (Banana) ,


मूसा जाति के घासदार पौधे और उनके द्वारा उत्पादित फल को आम तौर पर केला कहा जाता है. मूल रूप से ये दक्षिण पूर्व एशिया के उष्णदेशीय क्षेत्र के हैं और संभवतः पपुआ न्यू गिनी में इन्हें सबसे पहले उपजाया गया था. आज कम से कम 107 देशों में केलों की उपज होती है

केले के फल लटकते गुच्छों में ही बड़े होते है, जिनमें 20 फलों तक की एक पंक्ति होती है (जिसे हाथ भी कहा जाता है), और एक गुच्छे में 3-20 केलों की पंकती होती है.  केलों के लटकते हुए सम्पूर्ण समूह को गुच्छा कहा जाता है, या व्यावसायिक रूप से इसे "बनाना स्टेम" कहा जाता है, और इसका वजन 30-50 किलो होता है. एक फल औसतन 125 ग्राम का होता है, जिसमें लगभग 75% पानी और 25% सूखी सामग्री होती है. प्रत्येक फल (केला या 'उंगली' के रूप में ज्ञात) में एक सुरक्षात्मक बाहरी परत होती है (छिलका या त्वचा) जिसके भीतर एक मांसल खाद्य भाग होता है. केले को काट कर और सुखा कर चिप्स के रूप में भी खाया जाता है. सूखे हुए केले को पीस कर केले का आटा भी बनाया जाता है.


पकने के बाद केले कई आकारों और रंगों में परिवर्तित हो जाते हैं जैसे पीला, बैंगनी और लाल. वैसे तो कच्चे केले भी खाए जा सकते हैं, लेकिन कुछ किस्मों को आम तौर पर पहले पकाया जाता है. कृषिजोपजाति और परिपक्वता के आधार पर केले का स्वाद कड़वा या मीठा होता है, और उसकी बनावट कठोर से पिलपिला होती है. कच्चे या हरे केले और प्लानटेंस का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में एक घटक के रूप में किया जाता है,  केले का रस काफी चिपचिपा होता है और इसका इस्तेमाल व्यावहारिक तौर पर गोंद के रूप में किया जा सकता है. छद्मतना, फल के छिलके, या फल के मांस से इस गोंद को प्राप्त किया जा सकता है.


स्थानीय बिक्री के लिए अधिकांश उत्पादन हरे पकाऊ केले और प्लानटेन का होता है, चूंकि पके मीठे केले, बाज़ार तक लाए जाने में क्षतिग्रस्त हो जाते हैं. यहां तक कि उत्पादित देश में ही जब उन्हें स्थानांतरित किया जाता है तो उस क्रम में भी केलों को बहुत ज्यादा क्षति और नुकसान से गुज़रना पड़ता है

केले की कम से कम तीन सौ से अधिक किस्में पाई जाती हैं जो स्वाद में भी अंतर लिए होती हैं. केला तीन रुप में लगने वाला फल है जिसके फूल, पत्ते और तना सभी उपयोग में लाए जाते हैं. केले से स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाए जाते हैं केले के फूल एवं तना भी तरकारी(सब्जी) बनाने मे उपयोग किए जाते हैं.

केले के फ़ायदे
  • केले का व्यजन में उपयोग केले से विभिन्न तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं कच्चा केला एवं पका केला दोनो ही सब्जी में उपयोग किए जाते हैं
  • केले में टमाटर, जीरे, लाल मिर्च, नमक, का छोंक लगा कर स्वादिष्ट सब्जी तैयार की जा सकती है.
  • केले की चटनी और इसके साथ ही केले के चिप्स भी बहुत चाव के साथ खाए जाते हैं.
  • केरल, बंगाल में केले के फूल को सूप और तरी में उपयोग किया जाता है.
  • केले से कई प्रकार की मिठाईयां बनाई जाती हैं
  • केले को पैन केक बनाने में इस्तेमाल किया जाता है
  • केले से आईसक्रीम बनाई जाती है.
  • केले को दूध में डाल कर बनाना शेक तैयार कर सकते हैं गर्मी के मौसम मे ठंडा बनाना शेक खूब पिया जाता है.
  • केले के पत्ते केले के पत्तों से भोजन पात्र का निर्माण किया जाता है दक्षिण भारत में केले के पत्तों से बनाई गई थाली का बहुत इस्तेमाल देखा जा सकता है वहां होने वाली शादियों या होटलों में अक्सर केले के पत्तों पर ही व्यंजन परोसे जाते हैं.
  • इसी तरह अनेक रीति रिवाज़ों में केले एवं केले के पत्तों का उपयोग किया जाता है जो शुद्धता का प्रतीक माना जाता है.
  • केला स्वास्थ्य वर्धक केला शक्तिवर्धक तत्वों प्रोटीन, विटामिन और खनिज पदार्थों से भरा है.
  • केला पाचन योग्य़ खाने में मधुर और शीतल तासीर का है यह कफ, पित्त, रक्तविकार तथा गर्मी के रोगों का दूर करने वाला है.
  • ऐसिडिटी को कम करता है अल्सर के दर्द में लाभकारी है
  • यह अतिसार और कब्ज़ दोनों में लाभकारी है
  • केला और दूध का मिश्रण शरीर और स्वास्थ्य के लिए उत्तम आहार है.
  • केले में कैल्शियम की मात्रा होने से यह हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए अच्छा माना जाता है।
  • जो लोग बहुत पतले दुबले होते हैं, उन्हें दो केले 250 ग्राम दूध के साथ नियमित सेवन करना चाहिए। इससे उनका स्वास्थ्य भी ठीक होता है और वजन भी बढ़ता है।
  • गैस्ट्रीक होने पर, अल्सर होने पर या मन्दाग्नि होने पर नियमित केले का सेवन करने से शरीर को फ़ायदा होता है।
  • केले में लौह तत्त्व की प्रचुर मात्रा होती है जो रक्त निर्माण में सहायक होती हैं।
  • जिन लोगों के शरीर में रक्त की कमी होती है उन्हें केला नियमित रूप से खाना चाहिए।
  • केला खून में वृद्धि करके शरीर की ताकत बढ़ाने में सहायक है।
  • यदि प्रतिदिन केला खाकर दूध पिया जाए, तो कुछ ही दिनों में व्यक्ति तंदुरूस्त हो जाता है।
  • भूखे पेट केला नहीं खाना चाहिये।
  • भोजन के बाद केला खाने से ताक़त देता है।
  • रात को केला खाने से गैस पैदा होती है।
  • केला सब तरह की सूजन में हितकारी है।
  • दो केले १५ग्राम शहद में मिलाकर खाने से ह्रदय के दर्द में लाभ होता है। गैस्ट्रिक
  • केले के तने का रस पिलाने से पेट में पहुँचा विष नष्ट हो जाता है।


    प्रतिदिन दो केले खाने से सभी प्रकार के विटामिनों की पूर्ति हो जाती है। सुबह दो केले खाकर गुनगुना दूध पिएँ, केला रोज खाने वाला व्यक्ति सदा स्वस्थ रहता है, चित्तीदार या धब्बेदार, पतले छिलके वाला केला खाना अधिक लाभदायक होता है।
  • भोजन के बाद यदि दो केले रोज खाए जाएँ तो ये भोजन भी पचाते हैं और बल बढ़ाते हैं, इससे पाचन शक्ति ठीक होती है।
  • एक गिलास दूध में एक चम्मच घी, एक चुटकी पिसी इलायची मिला लें, एक टुकड़ा केला खाएँ और साथ ही एक घूँट दूध पिएँ।
  • इस प्रकार दो केले नित्य खाने से शरीर सुडौल, मोटा होता है, बल वीर्य तथा शुक्राणु (स्पर्म) की वृद्धि होती है, दिमागी ताकत तथा कामशक्ति बढ़ती है, स्त्रियों का प्रदर रोग ठीक होता है।

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