One Fruit multiple benefits Part: 2 (Grape) , अन्गूर, अन्गुर, अंगुर, घरेलू नुश्खे, घरेलु उपचार, दादीमां के नुश्खे, home remediesjuice grape skin,
अंगूर का फलों में बहुत महत्व है यह स्वादिष्ट होने के साथ ही पौष्टिक भी है.अंगूर रस से भरा खाने में कोमल एवं शीतलता प्रदान करने वाला होता है.अंगूर अपने रंग ,आकार तथा स्वाद में भिन्नता के फलस्वरूप अनेक किस्मों में पाया जाता है जैसे की काले अंगूर,हरा अंगूर ,लाल, बैगनी रंग के अंगूर, लम्बे अंगूर, छोटे अंगूर, इत्यादी.
अंगूर का फलों में बहुत महत्व है यह स्वादिष्ट होने के साथ ही पौष्टिक भी है.अंगूर रस से भरा खाने में कोमल एवं शीतलता प्रदान करने वाला होता है.अंगूर अपने रंग ,आकार तथा स्वाद में भिन्नता के फलस्वरूप अनेक किस्मों में पाया जाता है जैसे की काले अंगूर,हरा अंगूर ,लाल, बैगनी रंग के अंगूर, लम्बे अंगूर, छोटे अंगूर, इत्यादी.
किशमिश और मुनक्के जैसे मेवे अंगूर को सुखा कर बनाए जाते हैं.जिसमें बीज रहित अंगूर को सुखाकर किशमिश बनाई जाती है और काले अंगूरों को सुखाकर मुनक्का बनाया जाता है.इसके अलावा अंगूर से जैम,जैली,जूस,सिरका और वाइन भी बनाई जाती है.अंगूर स्वस्थ और रोगी दोनो के लिए ही पौष्टिक एवं शक्तिप्रद आहार है.
अंगूर के विभिन्न नाम अंगूर को अनेक नामों से संबोधित किया जाता है जैसे की अंगूर को संस्कृत में द्राक्षा,गोस्तनी, कशिषा,हारहूरा,बंगला में बेदाना,कटकी या मनेका,गुजराती में धराख,दशक,फारसी में अंगूर,मवेका,अरबी में एनवजबीब,इंग्लिश में ग्रेप या ग्रेप रैजिन्स तथा लैटिन में विटिस् विनिफेरा नाम से जाना जाता है.
अंगूर पोषक तत्वों से भरपूर अंगूर में विभिन्न पौष्टिक तत्व मौजूद होते है इसमें विटामिन ए, बी और विटामिन सी, कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम तथा सोडियम क्लोरॉइड, पोटेशियम क्लोरॉइड, पोटेशियम सल्फेट, मैग्निशियम तथा एल्युमिन जैसे महत्वपूर्ण तत्व भी इसमें भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं. अंगूर में पाई जाने वाली शर्करा पूरी तरह से ग्लूकोज से बनी होती है जो शरीर में पहुंचकर एनर्जी प्रदान करती है.
अंगूर के लाभ
- अंगूर स्वास्थ के लिए गुणकारी फल है यह एक सुपाच्य फल है जो सभी के लिए पथ्य है अंगूर का सेवन करने से वात , कफ, पित्त और रक्तपित्त रोगों का नाश होता है.
- रोजाना अंगूर का रस सेवन करने से पाचनशक्ति ठीक होती है, कब्ज दूर होती है. सिर दर्द, चक्कर आना, छाती के रोग, क्षय रोग आदी में यह बहुत उपयोगी है.
- अंगूर के रस का नियमित सेवन करने से बुद्धि का विकास होता है और दिमाग तेज होता है.
- अंगूर हृदय की दुर्बलता को दूर करता है हृदय रोगी को नियमित अंगूर खाने चाहिएं. अंगूर के सेवन से फेफडों मे जमा कफ निकल जाता है,
- इससे खाँसी में भी आराम आता है.
- अंगूर् एक अच्छा रक्त शोधक व रक्त विकारों को दूर करने वाला फल है.
- यह शरीर में मौजूद विषैले तत्वों को आसानी से शरीर से बाहर निकाल देता है जिससे सेहत और सौंर्दय में निखार आता है
- अंगूर एक बलवर्घक एवं सौन्दर्यवर्घक फल है। फलों में अंगूर सर्वोत्तम माना जाता है।
- यह निर्बल-सबल, स्वस्थ-अस्वस्थ आदि सभी के लिए समान उपयोगी होता है।
- बहुत से ऎसे रोग हैं जिसमें रोगी को कोई पदार्थ नहीं दिया जाता है। उसमें भी अंगूर फल दिया जा सकता है।
- अंगूर आँखों के लिए हितकर होता है।
- अंगूर वीर्यवर्घक, रक्त साफ करने वाला, रक्त बढाने वाला तथा तरावट देने वाला फल है।
- अंगूर के सेवन से फेफडों मे जमा कफ निकल जाता है ।
- अंगूर जी मिचलाना, घबराहट, चक्कर आने वाली बीमारियों में भी लाभदायक है।
- श्वास रोग व वायु रोगों में भी अंगूर का प्रयोग हितकर है।
- नकसीर एवं पेशाब में होने वाली रूकावट में भी हितकर है।
- अंगूर का शरबत लो ""अमृत तुल्य"" है।
- शरीर के किसी भी भाग से रक्त स्राव होने पर अंगूर के एक गिलास ज्यूस में दो चम्मच शहद घोलकर पिलाने पर रक्त की कमी को पूरा किया जा सकता है।
- अंगूर का गूदा " ग्लूकोज व शर्करा युक्त " होता है। विटामिन "ए" पर्याप्त मात्रा में होने से अंगूर का सेवन " भूख " बढाता है, पाचन शक्ति ठीक रखता है, आँखों, बालों एवं त्वचा को चमकदार बनाता है।
- हार्ट-अटैक से बचने के लिए बैंगनी (काले) अंगूर का रस "एसप्रिन" की गोली के समान कारगर है। "एसप्रिन" खून के थक्के नहीं बनने देती है।
- बैंगनी (काले) अंगूर के रस में " फलोवोनाइडस " नामक तत्व होता है और यह भी यही कार्य करता है।
- पोटेशियम की कमी से बाल बहुत टूटते हैं। दाँत हिलने लगते हैं, त्वचा ढीली व निस्तेज हो जाती है, जोडों में दर्द व जकडन होने लगती है। इन सभी रोगों को अंगूर दूर रखता है।
- अंगूर फोडे-फुन्सियों एवं मुहासों को सुखाने में सहायता करता है।
- अंगूर के रस के गरारे करने से मुँह के घावों एवं छालों में राहत मिलती है।
- एनीमिया में अंगूर से बढकर कोई दवा नहीं है।
- उल्टी आने व जी मिचलाने पर अंगूर पर थोडा नमक व काली मिर्च डालकर सेवन करें।
- पेट की गर्मी शांत करने के लिए 20-25 अंगूर रात को पानी में भिगों दे तथा सुबह मसल कर निचोडें तथा इस रस में थोडी शक्कर मिलाकर पीना चाहिए।
- गठिया रोग में अंगूर का सेवन करना चाहिए। इसका सेवन बहुत लाभप्रद है क्योंकि यह शरीर में से उन तत्वों को बाहर निकालता है जिसके कारण गठिया होता है।
- अंगूर के सेवन से हडि्डयाँ मजबूत होती हैं।
- अंगूर के पत्तों का रस पानी में उबालकर काले नमक मिलाकर पीने से गुर्दो के दर्द में भी बहुत लाभ होता है।
- भोजन के आघा घंटे बाद अंगूर का रस पीने से खून बढता है और कुछ ही दिनों में पेट फूलना, बदहजमी आदि बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
- अंगूर के रस की दो-तीन बूंद नाक में डालने से नकसीर बंद हो जाती है।
No comments:
Post a Comment