One Fruit multiple benefits Part: 1(Orange) घरेलू नुश्खे, घरेलु उपचार, दादीमां के नुश्खे, home remedies orange peeljuice skin,
संतरा जिसे कुछ लोग नारंगी भी कहते हैं रस से भरपूर स्वादिष्ट लोकप्रिय फल है.संतरा स्वाद में खटटा-मीठा एवं मधुर होता है यह ठंडा ,शीतल, शक्तिवर्द्धक फल है संतरे का सेवन तन और मन को प्रसन्नता देने वाला है यह उपवास के समय भी फलाहार रुप में खाया जा सकता है.भारत में बड़े पैमाने पर संतरे की खेती कि जाती है और गर्मी के मौसम में इसकी खपत ज्यादा होती है.
संतरे के रासायनिक तत्व संतरे में विटामिन ए, बी ,और सी प्रचुर मात्रा मे होते हैं इसके अलावा इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट ,ग्लूकोज और मैग्नेशियम, सोडियम, लौह, पोटाशियम, फास्फोरस, कैल्शियम जैसे खनिज लवण भी काफी मात्रा में होते हैं जो दांतों व हड्डियों को मजबूत बनाते है. संतरे में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को संक्रमण से दूर रखने में कारगर होते हैं.
स्वाद से भरा संतरा संतरा खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है.संतरे के छिलके को उतार कर इसे फांको के रुप में खाया जाता है जो रस एवं गुदे से भरी होती हैं और खाने में स्वादिष्ट लगती हैं. संतरे का जूस बनाया जाता है इसके अलावा संतरे से फ्रूट चाट बनाई जाती है बाजार में संतरे के स्वाद वाली चटपटी गोलियां भी मिलती हैं जो खाने में मजेदार लगती है.संतरे को केक बनाने में तथा कई तरह के पेय पदार्थों में उपयोग किया जाता है.
संतरा स्वास्थ्यवर्धक फल संतरा अनेक रोगों के लिए रामबाण दवा है. इसके इस्तेमाल से दिल और दिमाग को ताजगी मिलती है पेट की बीमारी में इसका रस बहुत फ़ायदेमंद होता है यह पाचन शक्ति को दुरुस्त करता है तथा कमजोर पाचन शक्ति वालों को इसके रस का अधिक सेवन करने से लाभ मिलता है यह भूख को बढाता है और हाजमा बेहतर करता है. कब्ज होने पर इसका रस पीने से कब्ज दूर होती है.बुखार में भी इसका रस बहुत लाभ करता है।
सौंदर्य बढाता संतरा संतरा स्वास्थ के साथ-साथ सुंदरताके लिए भी गुणकारी है. संतरे का रस रोजाना सेवन करने से खून की कमी दूर होती है इसके साथ ही संतरा रक्तशोधक का काम करता है जिससे तव्चा के रोग नही होते हैं कील-मुंहासों से छुटकारा मिलता है और चहरे की झाइयाँ व संवालापन दूर होता है.हाथ-पैर की जलन आदि में संतरे के छीलके को मलने से लाभ मिलता है.
संतेरे के छिलके को धुप में सुखाकर पीस लें और इस चूर्ण में गुलाब जल और कच्चे दूध को मिलाकर इसका का उबटन बनाकर त्वचा पर लगाने से त्वचा चिकनी और मुलायम बनती है.संतरे के सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है, त्वचा में निखार आता है तथा सौंदर्य में वृद्धि होती है.
संतरे का एक गिलास रस तन-मन को शीतलता प्रदान कर थकान एवं तनाव दूर करता है, हृदय तथा मस्तिष्क को नई शक्ति व ताजगी से भर देता है।
पेचिश की शिकायत होने पर संतरे के रस में बकरी का दूध मिलाकर लेने से काफी फायदा मिलता है।
संतरे का नियमित सेवन करने से बवासीर की बीमारी में लाभ मिलता है। रक्तस्राव को रोकने की इसमें अद्भुत क्षमता है।
तेज बुखार में संतरे के रस का सेवन करने से तापमान कम हो जाता है। इसमें उपस्थित साइट्रिक अम्ल मूत्र रोगों और गुर्दा रोगों को दूर करता है।
दिल के मरीज को संतरे का रस शहद मिलाकर देने से आश्चर्यजनक लाभ मिलता है।
संतरे के सेवन से दाँतों और मसूड़ों के रोग भी दूर होते हैं।
छोटे बच्चों के लिए तो संतरे का रस अमृततुल्य है। उन्हें स्वस्थ व हृष्ट-पुष्ट बनाने के लिए दूध में चौथाई भाग मीठे संतरे का रस मिलाकर पिलाने से यह एक आदर्श टॉनिक का काम करता है।
जब बच्चों के दाँत निकलते हैं, तब उन्हें उल्टी होती है और हरे-पीले दस्त लगते हैं। उस समय संतरे का रस देने से उनकी बेचैनी दूर होती है तथा पाचन शक्ति भी बढ़ जाती है।
पेट में गैस, अपच, जोड़ों का दर्द, उच्च रक्तचाप, गठिया, बेरी-बेरी रोग में भी संतरे का सेवन बहुत कुछ लाभकारी होता है।
गर्भवती महिलाओं तथा यकृत रोग से ग्रसित महिलाओं के लिए संतरे का रस बहुत लाभकारी होता है। इसके सेवन से जहाँ प्रसव के समय होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है, वहीं प्रसव पीड़ा भी कम होती है। बच्चा स्वस्थ व हृष्ट-पुष्ट पैदा होता है।
संतरे का सेवन जहाँ जुकाम में राहत पहुँचाता है, वहीं सूखी खाँसी में भी फायदा करता है। यह कफ को पतला करके बाहर निकालता है।
संतरे के सूखे छिलकों का महीन चूर्ण गुलाब जल या कच्चे दूध में मिलाकर पीसकर आधे घंटे तक लेप लगाने से कुछ ही दिनों में चेहरा साफ, सुंदर और कांतिमान हो जाता है। कील मुँहासे-झाइयों व साँवलापन दूर होता है।
संतरे के ताजे फूल को पीसकर उसका रस सिर में लगाने से बालों की चमक बढ़ती है। बाल जल्दी बढ़ते हैं और उसका कालापन बढ़ता है।
संतरे के छिलकों से तेल निकाला जाता है। शरीर पर इस तेल की मालिश करने से मच्छर आदि नहीं काटते।
बच्चे, बूढ़े, रोगी और दुर्बल लोगों को अपनी दुर्बलता दूर करने के लिए संतरे का सेवन अवश्य करना चाहिए।
संतरे के मौसम में इसका नियमित सेवन करते रहने से मोटापा कम होता है और बिना डायटिंग किए ही आप अपना वजन कम कर सकते हैं।
इस तरह संतरा सेहत को ही नहीं, खूबसूरती को भी संवारता है। हमेशा पके व मीठे संतरे का ही सेवन करना चाहिए। गर्मियों में संतरे की फसल अपने पूरे जोर पर होती है।
संतरे का एक गिलास रस तन-मन को शीतलता प्रदान कर थकान एवं तनाव दूर करता है, हृदय तथा मस्तिष्क को नई शक्ति व ताजगी से भर देता है।
पेचिश की शिकायत होने पर संतरे के रस में बकरी का दूध मिलाकर लेने से काफी फायदा मिलता है।
संतरे का नियमित सेवन करने से बवासीर की बीमारी में लाभ मिलता है। रक्तस्राव को रोकने की इसमें अद्भुत क्षमता है।
तेज बुखार में संतरे के रस का सेवन करने से तापमान कम हो जाता है। इसमें उपस्थित साइट्रिक अम्ल मूत्र रोगों और गुर्दा रोगों को दूर करता है।
दिल के मरीज को संतरे का रस शहद मिलाकर देने से आश्चर्यजनक लाभ मिलता है।
संतरे के सेवन से दाँतों और मसूड़ों के रोग भी दूर होते हैं।
छोटे बच्चों के लिए तो संतरे का रस अमृततुल्य है। उन्हें स्वस्थ व हृष्ट-पुष्ट बनाने के लिए दूध में चौथाई भाग मीठे संतरे का रस मिलाकर पिलाने से यह एक आदर्श टॉनिक का काम करता है।
जब बच्चों के दाँत निकलते हैं, तब उन्हें उल्टी होती है और हरे-पीले दस्त लगते हैं। उस समय संतरे का रस देने से उनकी बेचैनी दूर होती है तथा पाचन शक्ति भी बढ़ जाती है।
पेट में गैस, अपच, जोड़ों का दर्द, उच्च रक्तचाप, गठिया, बेरी-बेरी रोग में भी संतरे का सेवन बहुत कुछ लाभकारी होता है।
गर्भवती महिलाओं तथा यकृत रोग से ग्रसित महिलाओं के लिए संतरे का रस बहुत लाभकारी होता है। इसके सेवन से जहाँ प्रसव के समय होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है, वहीं प्रसव पीड़ा भी कम होती है। बच्चा स्वस्थ व हृष्ट-पुष्ट पैदा होता है।
संतरे का सेवन जहाँ जुकाम में राहत पहुँचाता है, वहीं सूखी खाँसी में भी फायदा करता है। यह कफ को पतला करके बाहर निकालता है।
संतरे के सूखे छिलकों का महीन चूर्ण गुलाब जल या कच्चे दूध में मिलाकर पीसकर आधे घंटे तक लेप लगाने से कुछ ही दिनों में चेहरा साफ, सुंदर और कांतिमान हो जाता है। कील मुँहासे-झाइयों व साँवलापन दूर होता है।
संतरे के ताजे फूल को पीसकर उसका रस सिर में लगाने से बालों की चमक बढ़ती है। बाल जल्दी बढ़ते हैं और उसका कालापन बढ़ता है।
संतरे के छिलकों से तेल निकाला जाता है। शरीर पर इस तेल की मालिश करने से मच्छर आदि नहीं काटते।
बच्चे, बूढ़े, रोगी और दुर्बल लोगों को अपनी दुर्बलता दूर करने के लिए संतरे का सेवन अवश्य करना चाहिए।
संतरे के मौसम में इसका नियमित सेवन करते रहने से मोटापा कम होता है और बिना डायटिंग किए ही आप अपना वजन कम कर सकते हैं।
इस तरह संतरा सेहत को ही नहीं, खूबसूरती को भी संवारता है। हमेशा पके व मीठे संतरे का ही सेवन करना चाहिए। गर्मियों में संतरे की फसल अपने पूरे जोर पर होती है।
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