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Tuesday, March 24, 2020

चैत्र नवरात्रि घट स्थापना मुहूर्त, विधि-विधान 25 मार्च 2020

चैत्र नवरात्रि घट स्थापना मुहूर्त, विधि-विधान 25 मार्च 2020


चैत्र शुक्ल प्रतिपदा अर्थात चैत्र नवरात्री का पहला दिन। इसी दिन से ही वासंतिक अथवा चैत्र अथवा चैत्री नवरात्र का प्रारंभ होता हैं। जो चैत्र शुक्ल नवमी को समाप्त होते हैंइन नौ दिनों देवि दुर्गा की विशेष आराधना करने का विधान हमारे शास्त्रो में बताया गया हैं।"प्रतिपदा तिथि 24 मार्च 2020, मंगलवार को अपराह 3 बजकर 00 मिनट से शुरू हो रही है।जो कालवेला के दोरान हो रही हैंकालवेला जो दोपहर 01:58 से 03:29 तक रहेगीएवं नक्षत्र उत्तराभाद्रपद जो देर रात्री 04:18 तक रहेगा पश्चयात रेवति नक्षत्र रहेगा। एवं योग ब्रह्म और करण किस्तुघ्न रहेगा।

घटस्थापना हेतु शुभ मुहूर्त 25 मार्च 2020बुधवार के दिन पूर्वाह्न 06:23 से 07:17 तक (अवधि 00 घण्टा 54 मिनट) , विक्रम संवत् 2077शक संवत् 1942नक्षत्र रेवतीयोग ब्रह्मकरण बवऋतु बसंतअयनउत्तरायण,  रहेगाप्रतिपदा तिथी समाप्ति सांय 05:31बजे होगी।


इस लिए घट स्थापना सुबह 06:23 से 07:17 तक में करना शुभ रहेगा।इस दौरान द्वि-स्वभाव मीन लग्न की समाप्ति 07:17  होगी।

पारंपरिक पद्धति के अनुशास नवरात्रि के पहले दिन घट अर्थात कलश की स्थापना करने का विधान हैं। इस कलश में ज्वारे(अर्थात जौ और गेहूंबोया  जाता है।

घट स्थापनकी शास्त्रोक्त विधि इस प्रकार हैं।

घट स्थापना आश्विन प्रतिपदा के दिन कि जाती हैं।

घट स्थापना हेतु सबसे शुभ अभिजित मुहुर्त माना गया हैं। जो 25 मार्च 2020 को दोपहर 12:002 से दोपहर 12:51 बजे के बीच है।  

इस वर्ष प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ 24 मार्च 2020 को अपराह 3 बजकर 00 मिनट से 25 मार्च 2020 संध्या सांय 05:31बजे होगी।

इस लिए 25 मार्च 2020 के शुभ मुहूर्त उत्तम रहेंगे।


घट स्थापना के अन्य शुभ मुहूर्त

सुबह 06:23 से सुबह 07:54  तक लाभसुबह 07:54 से सुबह 09:25 तक अमृतदिन 10:56 से दोपहर 12:27 तक शुभ चौघडियाअभिजित मुहुर्त दोपहर 12:002 से दोपहर 12:51 बजे के बीच रहेगा। 




मूल लेख सौजन्य



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GURUTVA JYOTISH MONTHLY E-MAGAZINE MARCH-2020

गुरुत्व ज्योतिष ई पत्रीका मार्च-2020 में प्रकशित लेख

चैत्र नवरात्र विशेष विशेष



 कुछ जानकार विद्वानो का मत हैं की नवरात्र स्वयं अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहुर्त होने के कारण इस तिथि में व्याप्त समस्त दोष स्वतः नष्ट हो जाते हैं इस लिए घट स्थापना प्रतिपदा के दिन किसी भी समय कर सकते हैं।

यदि ऐसे योग बन रहे होतो घट स्थापना दोपहर में अभिजित मुहूर्त या अन्य शुभ मुहूर्त में करना उत्तम रहता हैं।

कलश स्थापना हेतु अन्य शुभ मुहूर्त

·       लाभ चौघडिया सुबह 06:23 से सुबह 07:54  तक,

·       अमृत चौघडिया सुबह 07:54 से सुबह 09:25 तक,

·       शुभ चौघडिया दिन 10:56 से दोपहर 12:27 तक,

·       अभिजित मुहुर्त दोपहर 12:002 से दोपहर 12:51 बजे तक के मुहूर्त घट स्थापना का श्रेष्ठ मुहूर्त रहेंगे।


घट स्थापना हेतु सर्वप्रथम स्नान इत्यादि के पश्चयात गाय के गोबर से पूजा स्थल का लेपन करना चाहिए। घट स्थापना हेतु शुद्ध मिट्टी से वेदी का निर्माण करना चाहिएफिर उसमें जौ और गेहूं बोएं तथा उस पर अपनी इच्छा के अनुसार मिट्टीतांबेचांदी या सोने का कलश स्थापित करना चाहिए।

यदि पूर्ण विधि-विधान से घट स्थापना करना हो तो पंचांग पूजन (अर्थात गणेश-अंबिकावरुणषोडशमातृकासप्तघृतमातृकानवग्रह आदि देवों का पूजनतथा पुण्याहवाचन (मंत्रोंच्चारविद्वान ब्राह्मण द्वारा कराएं अथवा अमर्थता होतो स्वयं करें।

पश्चयात देवी की मूर्ति स्थापित करें तथा देवी

प्रतिमाका षोडशोपचारपूर्वक पूजन करें। इसके बाद श्रीदुर्गासप्तशती का संपुट अथवा साधारण पाठ करना चाहिए। पाठ की पूर्णाहुति के दिन दशांश हवन अथवा दशांश पाठ करना चाहिए।

घट स्थापना के साथ दीपक की स्थापना भी की जाती है। पूजा के समय घी का दीपक जलाएं तथा

उसका गंधचावलव पुष्प से पूजन करना चाहिए।


पूजन के समय इस मंत्र का जप करें-

भो दीप ब्रह्मरूपस्त्वं ह्यन्धकारनिवारक।

इमां मया कृतां पूजां गृह्णंस्तेजप्रवर्धय।।


नोटउपरोक्त वर्णित मुहूर्त को सूर्योदय कालिन तिथि या समय का निरधारण नई दिल्ली के अक्षांश रेखांश के अनुशार आधुनिक पद्धति से किया गया हैं। इस विषय में विभिन्न मत एवं सूर्योदय ज्ञात करने का तरीका भिन्न होने के कारण सूर्योदय समय का निरधारण भिन्न हो सकता हैं। सूर्योदय समय का निरधारण स्थानिय सूर्योदय के अनुशार हि करना उचित होगा।

इस लिए किसी भी मुहूर्त का चयन करने से पूर्व किसी विद्वान व जानकार से इस विषय में सलाह विमर्श करना उचित रहेगा।


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