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Thursday, June 16, 2011

कबूतर आ आ ...............

Monday, June 6, 2011

painting

सुंदर घर

Friday, June 3, 2011

चुटकुले

चुटकुले

बूढ़ा:साईकिल चला रहा था आगे से जा रही लड़की पे साईकिल गिरा देता है
लड़की :कम से कम घंटी नहीं मार सकते थे
बूढ़ा :मेने तो पूरी साईकिल मार दी अभी भी घंटी बाकि है


एक दोस्त दुसरे दोस्त को : आज कल तू बड़ा दुखी रहता है क्या बात है
दोस्त : जब भी शादी में जाता हु सभी बुढ़िया कोहनी मार के बोलती है अब
           तेरी बारी है
दो दिन बाद
पहला दोस्त : यार आज खुश है क्या हुआ
दोस्त :  मुझे कोई अब तंग नहीं करता
पहला दोस्त : क्यों
दोस्त: जब कभी अफ़सोस करने जाता हु तो में भी कोहनी मार के बोल्देता हु
         अब तेरी बारी है

     
एक गायिकी प्रतियोगिता में  एक बूढ़ा गाने के लिए स्टेज में जाता है
बूढ़ा : जैसे ही गाने को शुरू होता है वैसे ही उसके दांत गिर गए
  दांत को लगा कर फिर से गाना शुरू किया फिर दांत गिर गए

एक  आदमी परेशान होकर : ओ ताऊ केसीट ही बदल ता रहे गा या
                                        गाये  गा भी

रेकी का इतिहास

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रेकी का इतिहास
हमारा देश आध्यात्मिक शक्तियों से संपन्ना देश है। हजारों वर्ष पूर्व भारत में स्पर्श चिकित्सा का ज्ञान था। अथर्ववेद में इसके प्रमाण पाए गए हैं, किंतु गुरु-शिष्य परंपरा के कारण यह विद्या मौखिक रूप से ही रही। लिखित में यह विद्या न होने से धीरे-धीरे इस विद्या का लोप होता चला गया। 2500 वर्ष पहले भगवान बुद्ध ने ये विद्या अपने शिष्यों को सिखाई ताकि देशाटन के समय जंगलों में घूमते हुए उन्हें चिकित्सा सुविधा का अभाव न हो और वे अपना उपचार कर सकें। भगवान बुद्ध की 'कमल सूत्र' नामक किताब में इसका कुछ वर्णन है।



19वीं शताब्दी में जापान के डॉ. मिकाओ उसुई ने इस विद्या की पुनः खोज की और आज यह विद्या रेकी के रूप में पूरे विश्र्व में फैल गई है। डॉ. मिकाओ उसुई की इस चमत्कारिक खोज ने 'स्पर्श चिकित्सा' के रूप में संपूर्ण विश्व को चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान की है।



रेकी सीखने के लाभ

1. यह शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक स्तरों को प्रभावित करती है।

2. शरीर की अवरुद्ध ऊर्जा को सुचारुता प्रदान करती है।

3. शरीर में व्याप्त नकारात्मक प्रवाह को दूर करती है।

4. अतीद्रिंय मानसिक शक्तियों को बढ़ाती है।

5. शरीर की रोगों से लड़ने वाली शक्ति को प्रभावी बनाती है।

6. ध्यान लगाने के लिए सहायक होती है।

7. समक्ष एवं परोक्ष उपचार करती है।

8. सजीव एवं निर्जीव सभी का उपचार करती है।

9. रोग का समूल उपचार करती है।

10. पूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करती है।



रेकी की पात्रता

कोई भी व्यक्ति रेकी सीख सकता है। यह व्यक्ति के बौद्धिक, शैक्षणिक या आध्यात्मिक स्तर पर निर्भर नहीं है, न ही इसे सीखने के लिए उम्र का बंधन है। कोई भी व्यक्ति इसे सीख सकता है। इसे सीखने के लिए वर्षों का अभ्यास नहीं चाहिए न ही रेकी उपचारक की व्यक्तिगत स्थिति के कारण उपचार पर कोई प्रभाव पड़ता है। यह क्षमता रेकी प्रशिक्षक के द्वारा उसके प्रशिक्षार्थी में सुसंगतता (एट्यूनमेंट) के माध्यम से उपलब्ध होती है, इसके प्राप्त होते ही व्यक्ति के दोनों हाथों से ऊर्जा का प्रवाह प्रारंभ हो जाता है और इस तरह वह स्वयं का तथा दूसरों का भी उपचार कर सकता है।



रेकी कैसे कार्य करती है?

यह शरीर के रोगग्रस्त भाग की दूषित ऊर्जा को हटाकर उस क्षेत्र को स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करती है। यह व्यक्ति के तरंग स्तर को बढ़ाती है। उसके प्रभा पंडल को स्वच्छ करती है जिसमें नकारात्मक विचार और रोग रहते है। इस क्रिया में यह शरीर के ऊर्जा प्रवाहों को सुचारु करने के साथ-साथ उन्हें बढ़ाती भी है। इस तरह यह रोग का उपचार करती है।

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हनुमान चालीसा एवं बजरंग बाण का चमत्कार

Hanumaan Chalisa Evam Bajarang Baan kaa Chamatkar

आज हर व्यक्ति अपने जीवन मे सभी भौतिक सुख साधनो की प्राप्ति के लिये भौतिकता की दौड मे भागते हुए किसी न किसी समस्या से ग्रस्त है। एवं व्यक्ति उस समस्या से ग्रस्त होकर जीवन में हताशा और निराशा में बंध जाता है। व्यक्ति उस समस्या से अति सरलता एवं सहजता से मुक्ति तो चाहता है पर यह सब केसे होगा? उस की उचित जानकारी के अभाव में मुक्त हो नहीं पाते। और उसे अपने जीवन में आगे गतिशील होने के लिए मार्ग प्राप्त नहीं होता। एसे मे सभी प्रकार के दुख एवं कष्टों को दूर करने के लिये अचुक और उत्तम उपाय है हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ





हनुमान चालीसा और बजरंग बाण ही क्यु ?



क्योकि वर्तमान युग में श्री हनुमानजी शिवजी के एक एसे अवतार है जो अति शीघ्र प्रसन्न होते है जो अपने भक्तो के समस्त दुखो को हरने मे समर्थ है। श्री हनुमानजी का नाम स्मरण करने मात्र से ही भक्तो के सारे संकट दूर हो जाते हैं। क्योकि इनकी पूजा-अर्चना अति सरल है, इसी कारण श्री हनुमानजी जन साधारण मे अत्यंत लोकप्रिय है। इनके मंदिर देश-विदेश सवत्र स्थित हैं। अतः भक्तों को पहुंचने में अत्याधिक कठिनाई भी नहीं आती है। हनुमानजी को प्रसन्न करना अति सरल है



हनुमान चालीसा और बजरंग बाण के पाठ के माध्यम से साधारण व्यक्ति भी बिना किसी विशेष पूजा अर्चना से अपनी दैनिक दिनचर्या से थोडा सा समय निकाल ले तो उसकी समस्त परेशानी से मुक्ति मिल जाती है।



“यह नातो सुनि सुनाइ बात है ना किसी किताब मे लिखी बात है, यह स्वयं हमारा निजी एवं हमारे साथ जुडे लोगो के अनुभत है।”



उपयोगी जानकारी
हनुमान चालीसा और बजरंग बाण के नियमित पाठ से हनुमान जी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं उनके लिए प्रस्तुत हैं कुछ उपयोगी जानकारी ..



• नियमित रोज सुभह स्नान आदिसे निवृत होकर स्वच्छ कपडे पहन कर ही पाठ का प्रारम्भ करे।
• नियमित पाठ में शुद्धता एवं पवित्रता अनिवार्य है।
• हनुमान चालीसा और बजरंग बाण के पाठ करते समय धूप-दीप अवश्य लगाये इस्से चमत्कारी एवं शीघ्र प्रभाव प्राप्त होता है।
• दीप संभव न होतो केवल ३ अगरबत्ती जलाकर ही पाठ करे।
• कुछ विद्वानो के मत से बिना धूप से हनुमान चालीसा और बजरंग बाण के पाठ प्रभाव हिन होता है।
• यदि संभव हो तो प्रसाद केवल शुद्ध घी का चढाए अन्य था न चढाए
• जहा तक संभव हो हनुमान जी का सिर्फ़ चित्र (फोटो) रखे ।
• यदि घर मे अलग से पूजा घर की व्यवस्था हो तो वास्तुशास्त्र के हिसाब से मूर्ति रखना शुभ होगा। नही तो हनुमान जी का सिर्फ़ चित्र (फोटो) रखे।
• यदि मूर्ति हो तो ज्यद बडी न हो एवं मिट्टी कि बनी नही रखे।
मूर्ति रखना चाहे तो बेहतर है सिर्फ़ किसी धातु या पत्थर की बनी मूर्ति रखे।
• हनुमान जी का फोटो/ मूर्ति पर सुखा सिंदूर लगाना चाहिए।
• नियमित पाठ पूर्ण आस्था, श्रद्धा और सेवा भाव से की जानी चाहिए। उसमे किसी भी तरह की संका या संदेह न रखे।
• सिर्फ़ देव शक्ति की आजमाइस के लिये यह पाठ न करे।
• या किसी को हानि, नुक्सान या कष्ट देने के उद्देश्य से कोइ पूजा पाठ नकरे।
• एसा करने पर देव शक्ति या इश्वरीय शक्ति बुरा प्रभाव डालती है या अपना कोइ प्रभाग नहि दिखाती! एसा हमने प्रत्यक्ष देखा है।
• एसा प्रयोग करने वालो से हमार विनम्र अनुरोध है कृप्या यह पाठ नकरे।
• समस्त देव शक्ति या इश्वरीय शक्ति का प्रयोग केवल शुभ कार्य उद्देश्य की पूर्ति के लिये या जन कल्याण हेतु करे।
• ज्यादातर देखा गया है की १ से अधिक बार पाठ करने के उद्देश्य से समय के अभाव मे जल्द से जल्द पाठ कने मे लोग गलत उच्चारण करते है। जो अन उचित है।
• समय के अभाव हो तो ज्यादा पाठ करने कि अपेक्षा एक ही पठ करे पर पूर्ण निष्ठा और श्रद्धा से करे।
• पाठ से ग्रहों का अशुभत्व पूर्ण रूप से शांत हो जाता है।
• यदि जीवन मे परेशानीयां और शत्रु घेरे हुए है एवं आगे कोइ रास्ता या उपाय नहीं सुझ रहा तो डरे नही नियमित पाठ करे आपके सारे दुख-परेशानीयां दूर होजायेगी अपनी आस्था एवं विश्वास बनाये रखे।



हनुमान चालीसा और बजरंग बाण

Thursday, June 2, 2011

गीत

 गीत 

हिमत का है खेल खिलाडी और मन में आशा

कभी तो पूरी होगी  तेरे  जीवन की आशा -2

तुफानो से लड़ता जा तू हिमत से काम ले

आशा तेरी पूरी होगी इतना तू जान ले

देख के  तुझ को भागे दूर निराशा -२

कभी तो पूरी होगी  तेरे  जीवन की आशा

हिमत का है खेल खिलाडी और मन में आशा
कभी तो पूरी होगी  तेरे जीवन की आशा

सूरज बनके तू रोशन जहान दे

अपने होसलो से लम्बी उडान ले

देख फिर जीवन में आती है नयी आशा -2

कभी तो पूरी होगी  तेरे  जीवन की आशा

हिमत  का खेल खिलाडी और मन में आशा
कभी तो पूरी होगी  तेरे  जीवन की आशा

 सपनो को पूरा करके लेनी है सांस रे

मन में इस चाहत को तू थान ले

हर मुश्किल में साथ रहेगी  ये आशा

कभी तो पूरी होगी  तेरे  जीवन की आशा -२

हिमत का है खेल खिलाडी और मन में आशा
कभी तो पूरी होगी   तेरे   जीवन  की आशा











Wednesday, June 1, 2011

चाणक्य निति सूत्र


चाणक्य  निति सूत्र

सपष्ट वादी धोखेबाज़  नहीं होता

नि:सप्र्हानाधिकारी स्यान्ताकामी मंदंप्रिय :
 नाविदग्ध: प्रिय : ब्रूयात सपष्ट वक्ता न वचनक 

अर्थ : जिसका जिस वस्तु से लगाव नहीं है, उस वस्तु का वेह अधिकारी नहीं है  
यदि कोई व्यक्ति सौन्दर्य प्रेमी नहीं होगा तो श्रृंगार शोभा के प्रति उसकी आसक्ति नहीं होगी 
मुर्ख व्यक्ति प्रिय और मधुर वचन नहीं बोल पता और सपष्ट वक्ता कभी धोखे बाज़ , धूर्त या मकार नहीं  साफ़ साफ़ बोलने वाला कड़वा जरुर होता है , पर धोखे बाज़ नहीं.


WATCH

     Every body needs watch may be teacher , student , parents  or anybody.
     What do mean by watch .lets see.
                   
                  W for WORDS                                                   
                
                 A for ACTION 
 
                 T for  THOUGHT

                 C for  CHARACTER

                  H for HEART

here thought in mind create action and  we act through our words .so controlled your thoughts firstly .which can be controlled by  excersing your mind with positive vibrations , keep company with good people. , live in sound enviornment .make your heart pure .pure heart  make the good character.

गुरुत्व ज्योतिष ई पत्रीका जून 2011 में प्रकशित लेख

UN 2011 free monthly Astrology Magazines, You can read in Monthly GURUTVA JYOTISH Magazines Astrology, Numerology, Vastu, Gems Stone, Mantra, Yantra, Tantra, Kawach & ETC Related Article absolutely free of cost. गुरुत्व ज्योतिष मासिक ई पत्रीका ज्योतिष, अंक ज्योतिष, वास्तु, रत्न, मंत्र, यंत्र, तंत्र, कवच इत्यादि प्राचिन गूढ सहस्यो एवं आध्यात्मिक ज्ञान से आपको परिचित कराती हैं।
शनि जयन्ती, शनि जयन्ति
गुरुत्व ज्योतिष ई पत्रीका जून  2011 में प्रकशित लेख
शनि जयंती विशेष
यंत्र, मंत्र, तंत्र द्वारा शनि शांति, शनि शान्ति, शनि बाधा मुक्ति, शनि रोगो से मुक्ती, शनि बाधा निवारण उपाय, टोटके, लाल किताब ज्योतिष शनि अशुभता निवारण, शनि दोष खत्म करने के उपाय, शनि बाधा को खत्म करने के उपाय, साढेसाति निवारण उपाय, टोटके, स्वास्थ्य, शनि और ज्योतिष, यन्त्र, मन्त्र, तन्त्र द्वारा बीमारी को समाप्त करने के उपचार के, Hindi Yantra, tantra, mantra Healing for shani , to end of saturn bad effect, tantra, mantra Healing, Remedy saturn benefits, Remedy Arogya benefits, Remedy saturn advantage, Specific saturn sadeshati freedom, shani dosh se Mukti saturn evil effect prevention measures, Totkae, Red Book Astrology saturn shani prevention, Indian Vedic shani Solution, indian Remadu fo saturn mahadasha, red astro Remedy for shani, treditnol indian saturn Ramedy, Remedy to saturn eliminate, યંત્ર, મંત્ર, તંત્ર દ્વારા શનિ શાંતિ, શનિ શાન્તિ, શનિ બાધા મુક્તિ, શનિ રોગો સે મુક્તી, શનિ બાધા નિવારણ ઉપાય, ટોટકે, લાલ કિતાબ જ્યોતિષ શનિ અશુભતા નિવારણ, શનિ દોષ ખત્મ કરને કે ઉપાય, શનિ બાધા કો ખત્મ કરને કે ઉપાય, સાઢેસાતિ નિવારણ ઉપાય, ટોટકે, સ્વાસ્થ્ય, શનિ ઔર જ્યોતિષ, યન્ત્ર, મન્ત્ર, તન્ત્ર દ્વારા બીમારી કો સમાપ્ત કરને કે ઉપચાર કે, ಯಂತ್ರ, ಮಂತ್ರ, ತಂತ್ರ ದ್ವಾರಾ ಶನಿ ಶಾಂತಿ, ಶನಿ ಶಾನ್ತಿ, ಶನಿ ಬಾಧಾ ಮುಕ್ತಿ, ಶನಿ ರೋಗೋ ಸೇ ಮುಕ್ತೀ, ಶನಿ ಬಾಧಾ ನಿವಾರಣ ಉಪಾಯ, ಟೋಟಕೇ, ಲಾಲ ಕಿತಾಬ ಜ್ಯೋತಿಷ ಶನಿ ಅಶುಭತಾ ನಿವಾರಣ, ಶನಿ ದೋಷ ಖತ್ಮ ಕರನೇ ಕೇ ಉಪಾಯ, ಶನಿ ಬಾಧಾ ಕೋ ಖತ್ಮ ಕರನೇ ಕೇ ಉಪಾಯ, ಸಾಢೇಸಾತಿ ನಿವಾರಣ ಉಪಾಯ, ಟೋಟಕೇ, ಸ್ವಾಸ್ಥ್ಯ, ಶನಿ ಔರ ಜ್ಯೋತಿಷ, ಯನ್ತ್ರ, ಮನ್ತ್ರ, ತನ್ತ್ರ ದ್ವಾರಾ ಬೀಮಾರೀ ಕೋ ಸಮಾಪ್ತ ಕರನೇ ಕೇ ಉಪಚಾರ ಕೇ, யம்த்ர, மம்த்ர, தம்த்ர த்வாரா ஶநி ஶாம்தி, ஶநி ஶாந்தி, ஶநி பாதா முக்தி, ஶநி ரோகோ ஸே முக்தீ, ஶநி பாதா நிவாரண உபாய, டோடகே, லால கிதாப ஜ்யோதிஷ ஶநி அஶுபதா நிவாரண, ஶநி தோஷ கத்ம கரநே கே உபாய, ஶநி பாதா கோ கத்ம கரநே கே உபாய, ஸாடேஸாதி நிவாரண உபாய, டோடகே, ஸ்வாஸ்த்ய, ஶநி ஔர ஜ்யோதிஷ, யந்த்ர, மந்த்ர, தந்த்ர த்வாரா பீமாரீ கோ ஸமாப்த கரநே கே உபசார கே, యంత్ర, మంత్ర, తంత్ర ద్వారా శని శాంతి, శని శాన్తి, శని బాధా ముక్తి, శని రోగో సే ముక్తీ, శని బాధా నివారణ ఉపాయ, టోటకే, లాల కితాబ జ్యోతిష శని అశుభతా నివారణ, శని దోష ఖత్మ కరనే కే ఉపాయ, శని బాధా కో ఖత్మ కరనే కే ఉపాయ, సాఢేసాతి నివారణ ఉపాయ, టోటకే, స్వాస్థ్య, శని ఔర జ్యోతిష, యన్త్ర, మన్త్ర, తన్త్ర ద్వారా బీమారీ కో సమాప్త కరనే కే ఉపచార కే, യംത്ര, മംത്ര, തംത്ര ദ്വാരാ ശനി ശാംതി, ശനി ശാന്തി, ശനി ബാധാ മുക്തി, ശനി രോഗോ സേ മുക്തീ, ശനി ബാധാ നിവാരണ ഉപായ, ടോടകേ, ലാല കിതാബ ജ്യോതിഷ ശനി അശുഭതാ നിവാരണ, ശനി ദോഷ ഖത്മ കരനേ കേ ഉപായ, ശനി ബാധാ കോ ഖത്മ കരനേ കേ ഉപായ, സാഢേസാതി നിവാരണ ഉപായ, ടോടകേ, സ്വാസ്ഥ്യ, ശനി ഔര ജ്യോതിഷ, യന്ത്ര, മന്ത്ര, തന്ത്ര ദ്വാരാ ബീമാരീ കോ സമാപ്ത കരനേ കേ ഉപചാര കേ,ਯਂਤ੍ਰ, ਮਂਤ੍ਰ, ਤਂਤ੍ਰ ਦ੍ਵਾਰਾ ਸ਼ਨਿ ਸ਼ਾਂਤਿ, ਸ਼ਨਿ ਸ਼ਾਨ੍ਤਿ, ਸ਼ਨਿ ਬਾਧਾ ਮੁਕ੍ਤਿ, ਸ਼ਨਿ ਰੋਗੋ ਸੇ ਮੁਕ੍ਤੀ, ਸ਼ਨਿ ਬਾਧਾ ਨਿਵਾਰਣ ਉਪਾਯ, ਟੋਟਕੇ, ਲਾਲ ਕਿਤਾਬ ਜ੍ਯੋਤਿਸ਼ ਸ਼ਨਿ ਅਸ਼ੁਭਤਾ ਨਿਵਾਰਣ, ਸ਼ਨਿ ਦੋਸ਼ ਖਤ੍ਮ ਕਰਨੇ ਕੇ ਉਪਾਯ, ਸ਼ਨਿ ਬਾਧਾ ਕੋ ਖਤ੍ਮ ਕਰਨੇ ਕੇ ਉਪਾਯ, ਸਾਢੇਸਾਤਿ ਨਿਵਾਰਣ ਉਪਾਯ, ਟੋਟਕੇ, ਸ੍ਵਾਸ੍ਥ੍ਯ, ਸ਼ਨਿ ਔਰ ਜ੍ਯੋਤਿਸ਼, ਯਨ੍ਤ੍ਰ, ਮਨ੍ਤ੍ਰ, ਤਨ੍ਤ੍ਰ ਦ੍ਵਾਰਾ ਬੀਮਾਰੀ ਕੋ ਸਮਾਪ੍ਤ ਕਰਨੇ ਕੇ ਉਪਚਾਰ ਕੇ, যংত্র, মংত্র, তংত্র দ্ৱারা শনি শাংতি, শনি শান্তি, শনি বাধা মুক্তি, শনি রোগো সে মুক্তী, শনি বাধা নিৱারণ উপায, টোটকে, লাল কিতাব জ্যোতিষ শনি অশুভতা নিৱারণ, শনি দোষ খত্ম করনে কে উপায, শনি বাধা কো খত্ম করনে কে উপায, সাঢেসাতি নিৱারণ উপায, টোটকে, স্ৱাস্থ্য, শনি ঔর জ্যোতিষ, যন্ত্র, মন্ত্র, তন্ত্র দ্ৱারা বীমারী কো সমাপ্ত করনে কে উপচার কে, ଯନ୍ତ୍ର, ମନ୍ତ୍ର, ତନ୍ତ୍ର ମାଧ୍ଯମ ରେ ଶନି ଶାଂତି, ଶନି ଶାନ୍ତି, ଶନି ବାଧା ମୁକ୍ତି, ଶନି ରୋଗୋ ସେ ମୁକ୍ତୀ, ଶନି ବାଧା ନିବାରଣ ଉପାଯ, ଟୋଟକେ, ଲାଲ କିତାବ ଜ୍ଯୋତିଷ ଶନି ଅଶୁଭତା ନିବାରଣ, ଶନି ଦୋଷ ଖତ୍ମ କରନେ କେ ଉପାଯ, ଶନି ବାଧା କୋ ଖତ୍ମ କରନେ କେ ଉପାଯ, ସାଢେସାତି ନିବାରଣ ଉପାଯ, ଟୋଟକେ, ସ୍ବାସ୍ଥ୍ଯ, ଶନି ଔର ଜ୍ଯୋତିଷ, ଯନ୍ତ୍ର, ମନ୍ତ୍ର, ତନ୍ତ୍ର ଦ୍ବାରା ବୀମାରୀ କୋ ସମାପ୍ତ କରନେ କେ ଉପଚାର କେ, yaMtr, maMtr, taMtr dvArA Sani SAMti, Sani SAnti, Sani bAdhA mukti, Sani rogo se muktI, Sani bAdhA nivAraN upAy, ToTake, lAl kitAb jyotiSh Sani aSuBatA nivAraN, Sani doSh Katm karane ke upAy, Sani bAdhA ko Katm karane ke upAy, sADhesAti nivAraN upAy, ToTake, svAsthy, Sani aur jyotiSh, yantr, mantr, tantr dvArA bImArI ko samApt karane ke upacAr ke,


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विद्या प्राप्ति हेतु सरस्वती कवच -यंत्र43ग्रह चलन जून -2011 61
मंत्र सिद्ध पन्ना गणेश43सर्व रोगनाशक यंत्र/कवच 62
मंत्र सिद्ध सामग्री44मंत्र सिद्ध कवच 64
मासिक राशि फल47YANTRA LIST 65
राशि रत्न51GEM STONE 67
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जून -2011 मासिक व्रत-पर्व-त्यौहार54सूचना69
मंत्र सिद्ध सामग्री57हमारा उद्देश्य71
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