Star Masti Group

Please Visit Our Web Site
.
GURUTVA JYOTISH
A Part of  GURUTVA KARYALAY
Monthly Astrology Magazines
.
You Can Read In Monthly Rashi Phal, Panchang, Festivle Deatail, Auspicious Yog, Astrology, Numerology, Vastu, Mantra, Yantra, Tantra, Easy Remedy Etc, Related Article,
Non Profitable Publication  by Public Intrest Call us : 91+9338213418, 91+9238328785
Ad By : SWASTIK SOFTECH INDIA
GURUTVA JYOTISH
Monthly Astrology Magazines
New
New
New
A Part of  GURUTVA KARYALAY
Non Profitable Publication by Public Intrest
Call: 91+9338213418, 91+9238328785

Thursday, April 21, 2011

हसी के हस गुल्ले (हिन्दी जोकस) भागा:6

Hindi Jokes Part:6

मुम्बई की एक बस में कुछ लोग यात्रा कर रहे थे, जब कण्टेकटर टिकट देने आया तो।
एक साहब ने पैसे निकालते हुए कहा, ''मोहम्मद अली।''
दूसरे ने कहा, ''सेन्ट जोसफ।''
एक देवी जी(औरत) बोली, ''महालक्ष्मी।''
पिछली सीट पर एक ऐसे साहब बैठे हुए थे जो मुम्बई में नये-नये आये थे। जब कण्टेकटर उनके पास आया तो वह बोले ''मेरा नाम हामिद अली है।''

एक साहब ने अपने होने वाले दामाद से पूछा, ''क्या आप शराब पीते हो?''
युवक ने कुछ देर तक सोचने के बाद कहा, ''पहले आप यह बताइये कि यह प्रश्न है या निमन्त्रण?''

एक शराबी अपने घर का ताला खोलने की कोशिश कर रहा था बहुत देर हो गई तो एक राहगीर उसकी सहायता के लिए आया ओर तुरन्त हंसकर कहने लगा, ''अरे भाई तुमने तो इसमें सिगरेट फंसा रखी है,
क्या सिगरेट से ताला खुलता है?''
शराबी ने उत्तर में कहा, ''अगर वाकई यह सिगरेट है तो थोड़ी देर पहले मैंने क्या पिया था? क्योंकि मेरी जेब में एक ही सिगरेट ओर एक ही चाबी थी।''



रात को कब्रिस्तान में एक आदमी कब्र के ऊपर बैठा हुआ था इतने में एक राहगीर उधर से गुजरा और पूछा, ''इतनी रात को कब्रिस्तान मे बैठे हो, तुम्हें डर नहीं लगता?''
''इसमें डरने की क्या बात है कब्र के अंदर गरमी हो रही थी इसलिए उठ कर थोड़ी देर के लिए बाहर बैठ गया।'' उस आदमी ने जवाब दिया।

दो मित्र अपनी, ÷अपनी पत्नियों के स्वभाव का रोना रो रहे थे।
पहले दोस्त ने कहा, ''मेरी पत्नी इतनी झगड़ालू है कि झगड़ा होते ही अपने मायके चली जाती है।''
दूसरे दोस्त ने कहा बड़े खुशनसीब हो दोस्त, ''मेरी पत्नी इतनी निर्दयी है कि जब वह झगड़ा करतीे है तो अपने मायके वालों को यहां ही बुला लेती है।''

रमेश (महेश से), ''यार एक बात बताओं, तुम पति पत्नी इतने खुश कैसे रहते हो?''
महेश (रमेश से), ''यार हम मारो, बचाओं और खुश रहो गेम खेलते हैं।''
रमेश, ''यह कौन सा खेल है?''
महेश, ''अरे बड़ा आसान खेल है। पत्नी किचेन से मुझे बर्तन मारती है और मैं उनसे बचता हूं, बर्तन लगा तो वो खुश होती है, नहीं लगा तो मैं खुश होता हूँ।...''



No comments:

Post a Comment

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...