Star Masti Group

Please Visit Our Web Site
.
GURUTVA JYOTISH
A Part of  GURUTVA KARYALAY
Monthly Astrology Magazines
.
You Can Read In Monthly Rashi Phal, Panchang, Festivle Deatail, Auspicious Yog, Astrology, Numerology, Vastu, Mantra, Yantra, Tantra, Easy Remedy Etc, Related Article,
Non Profitable Publication  by Public Intrest Call us : 91+9338213418, 91+9238328785
Ad By : SWASTIK SOFTECH INDIA
GURUTVA JYOTISH
Monthly Astrology Magazines
New
New
New
A Part of  GURUTVA KARYALAY
Non Profitable Publication by Public Intrest
Call: 91+9338213418, 91+9238328785

Sunday, July 17, 2011

श्रावण मास के प्रथम सोमवार कैसे पाये शिव कृपा (पहला सोमवार सावन)

सावन का पहला सोमवार First Monday of Sawan Maas |  श्रावण माह, श्रावण मास, सावन और शिव पूजा, पुजन, पुजा, શ્રાવણ માહ, શ્રાવણ માસ, સાવન ઔર શિવ પૂજા, પુજન, પુજા, ಶ್ರಾವಣ ಮಾಹ, ಶ್ರಾವಣ ಮಾಸ, ಸಾವನ ಔರ ಶಿವ ಪೂಜಾ, ಪುಜನ, ಪುಜಾ, ஶ்ராவண மாஹ, ஶ்ராவண மாஸ, ஸாவந ஔர ஶிவ பூஜா, புஜந, புஜா, శ్రావణ మాహ, శ్రావణ మాస, సావన ఔర శివ పూజా, పుజన, పుజా, ശ്രാവണ മാഹ, ശ്രാവണ മാസ, സാവന ഔര ശിവ പൂജാ, പുജന, പുജാ, ਸ਼੍ਰਾਵਣ ਮਾਹ, ਸ਼੍ਰਾਵਣ ਮਾਸ, ਸਾਵਨ ਔਰ ਸ਼ਿਵ ਪੂਜਾ, ਪੁਜਨ, ਪੁਜਾ, শ্রাৱণ মাহ, শ্রাৱণ মাস, সাৱন ঔর শিৱ পূজা, পুজন, পুজা, ଶ୍ରାବଣ ମାହ, ଶ୍ରାବଣ ମାସ, ସାବନ ଔର ଶିବ ପୂଜା, ଶିଵ ପୁଜନ, ପୁଜା, SrAvaNa mAha, SrAvaNa mAsa, sAvana aura Siva pUjA, pujana, pujA, Kanwar Yatra | Importance of Baidyanath Dham in Sawan

सावन माह व्यक्ति को कई प्रकार के संदेश देता है. सावन के माह में आसमान पर हर समय काली घटाएँ छाई रहती हैं. यह घटाएँ जब बरसती है तब गरमी से मनुष्य को राह्त मिलती है. यह माह हमें जीवन की मुश्किल परिस्थितियों से जूझने का संदेश देता है. बारिश से वातावरण में नई चेतना जागृत होती है. जगह-जगह नई कोंपले फूटनी आरम्भ होती है. पेड़-पौधे हँसते हुए मानव को संदेश देते है कि वह भी प्रतिकूल परिस्थितियों में जीना सीख लें.
सावन माह का पहला सोमवार अधिक महत्व रखता है. सोमवार के व्रत तीन प्रकार से रखे जाते हैं. सोमवार के व्रत, सोलह सोमवार तथा प्रदोष व्रत. इन तीनों व्रत में से जो भी व्रत रखना हो उसकी शुरुआत सावन माह के सोमवार से करनी चाहिए. सावन के पहले सोमवार के दिन सभी शिवालयों में भक्तों का ताँता सुबह से ही लगना आरम्भ हो जाता है. धार्मिक मतानुसार इस दिन भगवान शिव की भक्ति तथा उपासना करने से व्यक्ति को लक्ष्मी की प्राप्ति होती है.

इस दिन परिवार के वरिष्ठ सदस्य अथवा मुख्य व्यक्ति को सुबह स्नानादि से निवृत होकर स्वच्छ आसन ग्रहण करना चाहिए. आसन पर वह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुँह करके बैठे. लकडी़ की चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाकर शिवलिंग की पूजा करें. "ऊँ नम: शिवाय" का जाप करते हुए शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए. जल में कच्चा दूध मिलाकर शिवलिंग पर चढा़ना चाहिए. ऊँ नम: शिवाय का जाप रुद्राक्ष की माला से 108 बार करना चाहिए.     

सावन में काँवर यात्रा

सावन का माह आरम्भ होने से पूर्व ही भक्तजन गेरुए रंग के वस्त्र धारण कर गंगा जल काँवर में भरकर लाने की तैयारी आरम्भ कर देते हैं. कितना ही लम्बा सफर हो लेकिन अपनी भक्ति तथा श्रद्धा के बल पर यह उसे पूरा कर ही लेते हैं. हर उम्र के व्यक्ति जल भरकर लाने के लिए उत्सुक रहते हैं. जात-पांत की परवाह किए बिना यह समूहों में यात्रा करना आरम्भ करते हैं. वैद्यनाथ धाम में कांवरिए 105 कि.मी. की पैदल यात्रा करते हुए काँवर भरकर लाते हैं. हरिद्वार से काँवड़ में जल भरकर लाने वालों की संख्या अन्य स्थानों से बहुत अधिक होती है. यहाँ से लोग सभी स्थानों से आते हैं. हरियाणा, पंजाब तथा दिल्ली से काँवरियों की भीड़ लगी होती है. गाँवों से भी हजारों की संख्या में काँवरिए जल भरकर लाते हैं.

इन काँवरियों की सेवा के लिए जगह-जगह पर विश्राम शिविर लगाए जाते हैं. यहाँ कांवरिए विश्राम करने के बाद आगे बढ़ते हैं. विश्राम शिविरों में काँवरियों के लिए बडी़ संख्या में सेवादार होते हैं. लंगर तथा प्रसाद बनाने के लिए हलवाई का इन्तजाम होता है. चिकित्सा के सभी प्राथमिक वस्तुएँ इन शिविरों में उपलब्ध होती है. काँवरियों की सेवा के लिए लोगों ने समितियाँ भी बनाकर रखी है. हरिद्वार से जुड़ने वाले हर राजमार्ग पर काँवरियों का आना-जाना लगा रहता है. रास्ते में "बम-बम" की गूँज सुनाई देती रहती है. शिवपुराण में वर्णन मिलता है कि सावन मास में शिवलिंग पर जल चढा़ने से विशेष रुप से पुण्य मिलता है.  

No comments:

Post a Comment

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...