Star Masti Group

Please Visit Our Web Site
.
GURUTVA JYOTISH
A Part of  GURUTVA KARYALAY
Monthly Astrology Magazines
.
You Can Read In Monthly Rashi Phal, Panchang, Festivle Deatail, Auspicious Yog, Astrology, Numerology, Vastu, Mantra, Yantra, Tantra, Easy Remedy Etc, Related Article,
Non Profitable Publication  by Public Intrest Call us : 91+9338213418, 91+9238328785
Ad By : SWASTIK SOFTECH INDIA
GURUTVA JYOTISH
Monthly Astrology Magazines
New
New
New
A Part of  GURUTVA KARYALAY
Non Profitable Publication by Public Intrest
Call: 91+9338213418, 91+9238328785

Sunday, July 17, 2011

शिव मंत्र के जप से प्राप्त होती सुख-समृद्धि हैं

श्रावण माह, श्रावण मास, सावन और शिव पूजा, पुजन, पुजा, શ્રાવણ માહ, શ્રાવણ માસ, સાવન ઔર શિવ પૂજા, પુજન, પુજા, ಶ್ರಾವಣ ಮಾಹ, ಶ್ರಾವಣ ಮಾಸ, ಸಾವನ ಔರ ಶಿವ ಪೂಜಾ, ಪುಜನ, ಪುಜಾ, ஶ்ராவண மாஹ, ஶ்ராவண மாஸ, ஸாவந ஔர ஶிவ பூஜா, புஜந, புஜா, శ్రావణ మాహ, శ్రావణ మాస, సావన ఔర శివ పూజా, పుజన, పుజా, ശ്രാവണ മാഹ, ശ്രാവണ മാസ, സാവന ഔര ശിവ പൂജാ, പുജന, പുജാ, ਸ਼੍ਰਾਵਣ ਮਾਹ, ਸ਼੍ਰਾਵਣ ਮਾਸ, ਸਾਵਨ ਔਰ ਸ਼ਿਵ ਪੂਜਾ, ਪੁਜਨ, ਪੁਜਾ, শ্রাৱণ মাহ, শ্রাৱণ মাস, সাৱন ঔর শিৱ পূজা, পুজন, পুজা, ଶ୍ରାବଣ ମାହ, ଶ୍ରାବଣ ମାସ, ସାବନ ଔର ଶିବ ପୂଜା, ଶିଵ ପୁଜନ, ପୁଜା, SrAvaNa mAha, SrAvaNa mAsa, sAvana aura Siva pUjA, pujana, pujA, 
शास्त्रों के मुताबिक पूरा संसार ही शिवमय है। शिव जन्म, जीवन व मृत्यु के नियंत्रक माने गए हैं। इसलिए शिव न केवल सांसारिक इच्छाओं को पूरा करने वाले देवता के रूप में पूजनीय है, बल्कि दोष और दुष्ट प्रवृत्तियों के नाशक और संहारक भी माने जाते हैं।
शिव का भोलापान व उदारता कल्याणकारी मानी गई है। जिससे वह भोलेभण्डारी के रूप में पूजनीय है। वहीं महामृत्युजंय रूप काल भय से मुक्त कर सुख, समृद्धि और शांति देता है। इस तरह शिव का सुबह से लेकर रात्रि तक किसी भी रूप में स्मरण सुखदायी है।
व्यावहारिक जीवन में अगर दिन या कार्य की शुरुआत अच्छी हो तो उससे मिली सकारात्मक ऊर्जा व भाव पूरे दिन या काम को सफल और सुखद बना देते हैं। इसलिए सुबह शिव का नाम समर्पण भाव से लिया जाए तो पूरा दिन बहुत ही शुभ और मंगलकारी बीतता है।
यहां बताया जा रहा शिव ध्यान शिव मानस पूजा का ही चरण है। जिसे सुबह शिव को बगैर पूजा सामग्रियों के अर्पण के भी ध्यान करें तो पूरी शिव उपासना का फल और मनोरथ सिद्धि देने वाला बताया गया है। फिर भी शिव को कम से कम जल और बिल्वपत्र चढ़ाकर शिव का ध्यान उपासना का श्रेष्ठ तरीका होगा -
जानते हैं यह विशेष शिव ध्यान -
आत्मा त्वं गिरिजा मति: सहचरा: प्राणा: शरीरं गृहं
पूजा ते विषयोपभोगरचना निद्रा समाधिस्थिति:।
सञ्चार: पदयो: प्रदक्षिणविधि: स्त्रोत्राणि सर्वा गिरो
यद्यत्कर्म करोमि तत्तदखिलं शम्भो तवाराधनम्।।
सरल शब्दों में सार समझें तो इस श्लोक में शिव के प्रति अगाध भक्ति और सर्मपण भाव है। जिसमें इंसान के शरीर, विचार, व्यवहार, बुद्धि और जीवन की सारी क्रियाओं को शिव, पार्वती से लेकर शिवालय का स्वरूप बताकर सभी कर्मों को भी शिव आराधना ही बताया गया है।
शिव के प्रति इस भाव से दिन और कार्य की शुरुआत इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास को मजबूत बनाकर पूरा दिन और हर कार्य को सुनिश्चित रूप से सफल और मंगलकारी बना देती है

No comments:

Post a Comment

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...